फूलो मैं वे बात कहाँ है, महक है जो बन्द कली मैं |
जब से तुझे दिल भुलाने की कसम खाई है, और पहले से ज्यादा तेरी याद आई है |
किसी की याद मैं है, दुनिया को भूलाए हुए, जमाना गुजरा है, अपना ख्याल आए हुए |
उजला अपनी यादों का हमरे साथ, रहने दो न जाने किस जगह किस, खड़ी जिंदगी की शाम हो जाये |
कब मिली कहाँ मिली कुछ याद नही, जिन्दगी तुझको तो बस ख्वाब, मैं देखा हमने |
हमने तुमको दिल दिया हम क्या करें, जाने वाली चीज का गम क्या करें |
निकले जनाजा मेरा तो फूल चढ़ा देना, गर मिलने की तमन्ना हो तो कफ़न हटा देना |
जमीं देखती देखता आंसमा है, मौहब्बत का यह सख्त जो इम्तहा है |
प्यार की कसमें कभी निभाई होती, मेरी तस्वीर निगाहों में बसाई होती |
मेरा दिल तोडा है तुमने गये दांस्ता लिखकर, अब नहीं मिल सकोगे हमसे तुम कभी हंसकर |
प्यार करने वाले दीवाने कभी डरते नहीं, लोग मजनू कहते हैं मगर वो चिढ़ते नहीं |
'ऐसा ने कहे ऐसा कहना पाप होगा, कभी तू भी किसी हंसी का बाप होगा | '
'काश तू माटी का एक घड़ा होता, किसी कमरे के कोने में औंधा पड़ा होता | '
अगर तू साथ है मेरे तो दिल आबाद है मेरा, तू कह दे बाप से अपने वही दमाद है तेरा |
कहीं और जाके यह इल्जाम लगाओ, प्यार करने चले है मुँह धोकर आओ |